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व्यंग्य समय: श्रीलाल शुक्ल / Vyangya Samay : Shrilal Shukla (PB)

325.00 275.00

ISBN: 978-81-934394-6-3
Edition: 2017
Pages: 200
Language: Hindi
Format: Paperback


Author : Shrilal Shukla

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Category:

Description

कालजयी कृति ‘राग दरबारी’ के महान् रचनाकार श्रीलाल शुक्ल युगांतरकारी व्यंग्यकार हैं। उनका व्यंग्य लेखन ‘सुबुक सुबुक वादी’ भावुकता और जड़ीभूत जीवनदृष्टि के प्रतिरोध से प्रारंभ होता है। साहित्य में ‘प्रतिभा’ क्या होती है, यह श्रीलाल शुक्ल को पढ़कर जाना जा सकता है। वे पूर्वानुमानित या राजनीति से उत्सर्जित विषयों की ओर कभी नहीं गए। उनके द्वारा रचे गए व्यंग्यों के शीर्षक ही यह बताने के लिए यथेष्ट हैं कि समाज, संस्कृति, साहित्य और साहित्य के धूसर धुंधले इलाकों से होकर वे किस तरह गुजरते हैं। क्लासिक व्यंग्य लेखन के सर्वोत्तम उदाहरण देतीं श्रीलाल शुक्ल की रचनाएं अविस्मरणीय हैं। भाषा के अनेक विस्मयकारी प्रयोग उन्होंने किए हैं। हरिशंकर परसाई, शरद जोशी, श्रीलाल शुक्ल और ज्ञान चतुर्वेदी व्यंग्य रचना में प्रत्युत्पन्नमति, वचनवक्रता, समासोक्ति, अन्योक्ति आदि के लिए विशेषतः उल्लेखनीय हैं। श्रीलाल शुक्ल विश्व साहित्य में व्यंग्य की परंपरा के अद्भुत ज्ञाता थे। उनके व्यंग्य विश्वस्तरीय व्यंग्य साहित्य में प्रसन्नतापूर्वक शामिल किए जा सकते हैं। मनुष्य मन के अतल में छिपी प्रवृत्तियों को उजागर करते हुए उन्होंने व्यापक सभ्यता समीक्षा की है।
‘व्यंग्य समय’ में श्रीलाल शुक्ल के चयनित व्यंग्य उनके विस्तृत व्यंग्य लेखन से कुछ उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। पाठकों को रचनाकार को समग्रता में पढ़ने और उन्हें पुनः पाठ के लिए प्रेरित करने का उद्देश्य भी इस उपक्रम में निहित है।

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