Description
सिख धर्म दर्शन के मूल तत्त्व
सदियों से भ्रमित समाज को परमात्मा से मिलन का एक सरल और सहज मार्ग दिखाकर सिख गुरु साहिबान ने धर्म की एक अभिनव दृष्टि प्रदान की। जीवन को विनम्रता, प्रेम, सेवा, समर्पण और संतुष्टि का पर्याय बनाने, परमात्मा के हुक्म के अधीन चलने का संदेश दिया। इससे समाज में अद्भुत चेतना जाग्रत हुई और शोषित, पीड़ित हृदयों में आशा का प्रकाश भर उठा। सिख गुरु साहिबान द्वारा बताया गया मार्ग जितना सरल है उतना ही कठिन भी है।
उस मार्ग की सरलता और सहजता क्या है और कैसे साहस व समर्पण की आवश्यकता है, इसका उत्तर खोजने के लिए इस पुस्तक का आद्योपांत पठन अपरिहार्य है।
सिख धर्म दर्शन पर हिंदी में मूल रूप से लिखी गई यह पहली पुस्तक है, जो धर्म के मर्म तक ले जाती है और उसे अपनाने हेतु प्रेरित करती है।