Description
पारिवारिक, सामाजिक व पेशेवर जिंदगी के तरह-तरह के पहलुओं को उजागर करती कुल चौदह अध्यायों में तकसीम यह कहानी सहज उपजे हास्य के साथ जीवन मूल्यों का तारतम्य कैसे स्थापित करतीं हैं…सोलमेट यही कहती है। सोलमेट कोई देवत्व या आदर्श नहीं, हर स्त्री का स्वप्न है, जीवन है, उसकी ही अंतर-कथा है।
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