Description
लेखिका ने इस पुस्तक में कुछ सशक्त सिने सितारों की जिंदगी के कई अनछुए पहलुओं को बहुत ही नजदीक से, अन्यतम अंतरंगता के साथ उभारने का प्रयत्न किया है। अशोक कुमार एकमात्र अभिनेता थे, जिन्होंने पूरे सात दशक फिल्म जगत् में बिताए और इस दौर के गौरवशाली इतिहास व उत्थान-पतन के चश्मदीद गवाह रहे। दिलीप कुमार, राजकपूर एवं देव आनंद इस कड़ी के दूसरी पीढ़ी के सशक्त एवं संवेदनशील अभिनेता रहे, जिन्होंने अपनी मौलिक एवं सर्वग्राह्य अभिनय-शैली द्वारा अलग-अलग अभिनय स्कूल कायम किए, जिसकी नकल अनेक अभिनेताओं ने की।
तीसरी पीढ़ी के अभिनेता अमिताभ बच्चन ने ‘दीवार’ व ‘शोले’ से फिल्म-निर्माण की शैली व दिशा एकदम से बदल देने तथा आर्थिक पतन के कगार पर खड़े फिल्म उद्योग में अपनी एक्शन फिल्मों के जरिए नए प्राण फूंकने व उसे नवस्फूर्ति प्रदान करने में सर्वाधिक महत्तवपूर्ण योगदान दिया।
इस पुस्तक में किशोर कुमार, जया बच्चन और वहीदा रहमान भी अहम किरदार हैं। आशा है, फिल्म जगत् के 92 वर्षों के इतिहास को जानने के लिए इस पुस्तक की अहम भूमिका होगी
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