बुक्स हिंदी 

Sale!

Maanvadhikaron Ka Bhartiya Parivesh

140.00 119.00

ISBN: 978-93-80048-01-7
Edition: 2009
Pages: 112
Language: Hindi
Format: Hardback

Author : Dr. Ram Gopal Sharma ‘Dinesh’

Out of stock

Category:

संसार के सभी मनुष्यों को जीवन-रक्षा, स्वतंत्रता, समानता, शिक्षा, शोषण-विरोध और न्यायगत समता का जन्मसिद्ध अधिकार है। भारत में वेद-वेदांग, काव्य, दर्शन, आचारशास्त्र आदि विभिन्न रूपों में इन अधिकारों की रक्षा का नैतिक दायित्व समाज को सौंपते रहे हैं स्वाधीनता-प्राप्ति के पश्चात् निर्मित भारतीय संविधान में भी नागरिकों के मूल मानवाधिकारों का उल्लेख किया गया है। पाश्चात्य देशों में उपनिवेशवादी आचरण के कारण मानवाधिकारों की धारणा को ‘संयुक्त राष्ट्र संघ’ के माध्यम से 19 दिसंबर, 1948 ई. को कानूनी रूप मिला। उसके पश्चात् विश्व-भर में मानवाधिकार-सुरक्षा के प्रयत्न हुए। भारत में भी सन् 1993 ई. में मानवाधिकार संरक्षण कानून बना। सन् 2006 ई. में उसमें कुछ संशोधन भी किए गए।

Home
Account
Cart
Search
×

Hello!

Click one of our contacts below to chat on WhatsApp

× How can I help you?