हिंदी साहित्य की मायावी दुनिया में विगम चार दशकों में कमलेश्वर जैसा कृति-व्यक्तित्व कोई दूसरा नहीं आ पाया है। एक अकल्पित, सतत ऊर्जावान सर्जक। कथा-साहित्य की दुनिया में ‘नई कहानी’ की धमक से प्रवेश करने वाले कमलेश्वर ने, मुहावरे में कहें तो-फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। लेखन-संपादन-पत्रकारिता-फिल्म लेखन तथा दूरदर्शन के विभिन्न पक्षों से संबद्ध इस व्यक्ति ने साहित्य के अतिरिक्त प्रचार-प्रसार माध्यमों की नीतियों और चुनौतियों में सार्थक हस्तक्षेप किया है। चुनौतियों को उन्होंने निजी और सार्वजनिक जीवन में आमंत्रित किया है, उन्हें जीया है, उन्हें जीता है और फिर अगली चुनौतियों का रुख करते हुए, उन्हें इतिहास का अंग मानकर छोड़ भी दिया है।
‘मेरे साक्षात्कार’ की इस प्रस्तुति में कमलेश्वर के तमाम काम, जीवन और मिज़ाज को एक साथ जानने का अवसर मिलता है। एक कृतिकार और मीडियाकार के सृजन के न केवल सुख-दुःख बल्कि उसकी आत्मतपस्या और आत्मसंताप भी इस पुस्तक की सामग्री में है। इन साक्षात्कारों में तेज़-तर्रा उन विशुद्ध पत्रकार-साक्षात्कारपाताओं का भी योगदान है जो ‘जनहित’ में किसी व्यक्ति को क्षमा करने के आदी नहीं होते हैं। उनके मत-विश्लेषण और निष्कर्षों को भी असंपादित रूप में यहां मौजूद रखा गया है। इससे इन साक्षात्कारों को न केवल ‘गोबर-गणेश’ रूप में अवतरित होने से मुक्ति मिली है बल्कि इन्हें लोक-साक्षात्कार होने का सच्चा मंच भी मिला है।
कहा जा सकता है कि इन साक्षात्कारों में कमलेश्वर की अर्ध-आत्मकथा और अर्ध-आकांक्षा/अपेक्षा कथा का शब्दांकन है जो समूचे साहित्य और मीडिया-तंत्र की खबर को प्रामाणिक रूप से संप्रेषित करता है।
Sale!
मेरे साक्षात्कार: कमलेश्वर / Mere Saakshaatkar : Kamleshwar
₹400.00 ₹340.00
ISBN : 978-81-7016-315-2
Edition: 2013
Pages: 324
Language: Hindi
Format: Hardback
Author : Kamleshwar
Category: Interviews
Related products
-
Sale!
Out of stock
-
Buy nowInterviews
मेरे साक्षात्कार : चंद्रकांत देवताले / Mere Saakshaatkar : Chandrakant Devtale
₹350.00₹297.50 -
Sale!
Out of stock
- Buy now