Description
विश्व-स्तर पर गहराते जल-संकट को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ के वर्षा 2003 को ‘अंतर्राष्ट्रीय स्वच्छ जल वर्ष’ घोषित किया है।यही भारत सहित दुनिया के देशों ने अपना रवैया नहीं बदला तो जल विभिन्न देशों में तनाव और जबर्दस्त प्रतिद्वंद्विता का विषय बने बगैर नहीं रह सकता। अतः जल-संसाधनों के प्रति सचेत होने की परम आवश्यकता है। ‘जल, जो जीवन है’ का सर्जन लेखक ने दो प्रतिमानों को सामने रखकर किया है—प्रथम, जल-संकट की गंभीरता के बारे में जागरूकता में वृद्धि करना और द्वितीय इस समस्या के निदान व समाधान हेतु सर्जनात्मक सुझाव पाठकों के सम्मुख प्रस्तुत करना।प्रस्तुत पुस्तक में जल से संबंधित उभरते समस्त संकटों तथा उनके समाधान हे रुसरलभाषामेंजानकारीप्रस्तुतकरनेकासफलप्रयत्नकियागयाहै।