इधर की कहानियों में परंपरापूरक यथार्थवादी विवरणों की विपुलता है…जिसने कहानी को पान की दुकान में बदल दिया है और संपादक और आलोचक के लिए ‘हमारा पान लगाना भाई’ की तर्ज पर गिलौरियाँ तैयार की जा रही हैं। ऐसे बाजारू माहौल में जरूरी हो गया है कि उन कहानियों को पढ़ा और रेखांकित किया जाए जो भारतीय कहानी की बहुआयामी रचनात्मकता के संदर्भ में हिंदी की बदलती कहानी की पहचान स्थापित करें।
जितेन के पास आज की भयानक दुनिया है और उस भयानकता को तोड़ने के लिए सोच की पैनी कलम। इन कहानियों में यथार्थवाद नहीं, केवल यथार्थ है इसलिए ये कहानियां एक बदली हुई रचनाशीलता का गहरा एहसास भी देती हैं।
जितेन ने अपनी कहानियों में हमेशा समय की चिंताओं और अंतःकरण के सवालों को रचनात्मक अभिव्यक्ति दी है। समय की बेचैनियां इसी तरह साहित्य में लिपिबद्ध होकर धरोहर के रूप में सुरक्षित बनी रहती हैं। ये कहानियाँ लेखक की कहानियाँ न होकर अपने समय को विश्लेषित करने वाले मित्र रचनाकार की कहानियाँ हैं इसलिए जितेन की कहानियों को एक साथ पढ़ना एक बड़े अनुभव संसार से गुजरना है।
-स्व. कमलेश्वर के आलेख से
Sale!
गुमशुदा / Gumshuda
₹400.00 ₹340.00
ISBN: 978-81-951663-7-4
Edition: 2021
Pages: 200
Language: Hindi
Format: Hardback
Author : Jiten Thakur
Category: Stories
Related products
- Buy now
- Buy now
-
Buy nowStories
दस प्रतिनिधि कहानियाँ : उषा प्रियंवदा / Dus Pratinidhi Kahaniyan : Usha Priyamvada
₹300.00₹245.00 -
Buy nowStories
दस प्रतिनिधि कहानियाँ : फणीश्वरनाथ रेणु / Dus Pratinidhi Kahaniyan : Phanishwar Renu
₹225.00₹191.25