दस प्रतिनिधि कहानियाँ : मन्नू भंडारी
‘दस प्रतिनिधि कहानियाँ’ सीरीज़ ‘किताबघर’ की एक महत्त्वाकांक्षी कथा-योजना है, जिसमें हिन्दी कथा-जगत् के सभी शीर्षस्थ कथाकारों को प्रस्तुत किया जा रहा है ।
इस सीरीज़ में सम्मिलित कहानीकारों से यह अपेक्षा की गई है कि वे अपने संपूर्ण कथा-दौर से उन दस कहानियों का चयन करें जो पाठको, समीक्षकों तथा संपादकों के लिए मील का पत्थर रही हों तथा ये ऐसी कहानियाँ भी हों जिनकी वजह से उन्हें स्वयं को भी कहानीकार होने का अहसास बना रहा हो। भूमिका-स्वरूप कथाकार का एक वक्तव्य भी इस सीरीज़ के लिए आमंत्रित किया गया है, जिसमें प्रस्तुत कहानियों को प्रतिनिधित्व सौंपने की बात पर चर्चा करना अपेक्षित रहा है ।
‘किताबघर’ गौरवान्वित है कि इस सीरीज़ के लिए अग्रज कथाकारों का उसे सहज सहयोग मिला है। इस सीरीज़ के अत्यन्त महत्त्वपूर्ण कथाकार मन्नू भंडारी ने प्रस्तुत संकलन में अपनी जिन दस कहानियों को प्रस्तुत किया है, वे हैं : ‘अकेली’, ‘मजबूरी’, ‘तीसरा आदमी’, ‘नई नौकरी’,
‘असामयिक मृत्यु’, ‘बन्द दराजों का साथ’, ‘क्षय’,
‘तीसरा हिस्सा’, ‘त्रिशंकु’ तथा ‘शायद’ ।
हमेँ विश्वास है कि इस सीरीज़ के माध्यम से पाठक सुविख्यात कथाकार मन्नू भंडारी की प्रतिनिधि कहानियों को एक ही जिल्द में पाकर सुखद पाठकीय संतोष का अनुभव करेंगें ।