‘अँजुरी भर पारिजात’ कविता-संग्रह प्रकृति के विविधा रूपों के सौंदर्य और मानव- मन की विभिन्न भावना रूपी फ़ूलों से सजा हुआ गुलदस्ता है। जैसे देव-वृक्ष पारिजात के पुष्पों की सुगन्धा और सौंदर्य तन और मन दोनों को प्रसन्न तो करता ही है, साथ ही आस-पास के वातावरण को भी सुवासित कर देता है। आशा है कि उसी प्रकार इस संग्रह की कविताओं को पढ़कर भी पाठकों को मानसिक सुख और सन्तोष का अनुभव होगा। निजी रचनाशीलता के बहाने कवयित्री पुष्पा शर्मा ने कविता के अस्तित्व को इन शब्दों में व्यक्त किया हैµ‘मेरे लिए कविता आत्म-अभिव्यक्ति का सबसे अच्छा साधान है। सुख हो या दुःख कविता हर स्थिति में आत्म-सम्बल तो देती ही है, आत्म-सुख भी देती है। कविता औषधिा की तरह दुःख में दिल के लिए मरहम और खुशी में टानिक का काम करती है। जीवन के खट्टे-मीठे अनुभवों को सहेजने में कविता हमेशा मेरी साथी रही है। काव्य-रचना के बाद ऐसे आत्म-संतोष का अनुभव होता है जैसे मन की बात किसी अपने से कहकर होता है। यह कम शब्दों में अधिाक कहने और सीधो हृदय को स्पर्श करने की सर्वोत्तम विधाा है।’
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Anjuri Bhar Paarijaat / अंजुरी भर पारिजात
₹225.00 ₹180.00
ISBN: 978-93-94469-06-8
Edition: 2022
Pages: 118
Language: Hindi
Format: Paperback
Author : Pushpa Sharma ‘Suchitra’
Category: Paperback