Description
इस पुस्तक में संकलित लेखक के पत्रों का भी विशिष्ट महत्व है। पेरिस, जर्मनी, लंका तथा स्वदेश से लिखे उनके पत्रों में न केवल लेखक का ‘वर्तमान’ रचा-बसा है बल्कि अपने समय तथा समाज का दस्तावेजीकरण भी हुआ है। इन संकलित पत्रों को इतिहास के संभवतः सर्वाधिक प्रामाणिक दस्तावेज माना जा सकता है।
यात्रा के पन्न पुस्तक का एक अन्य महत्वपूर्ण पक्ष है स्वदेशी यात्राओं का। राहुल जी की इस प्रस्तुति में राजस्थान तथा बिहार के अनेक ऐतिहासिक नगरों का यात्रा-वर्णन है, जो इन स्थलों की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक निधियों को सामने लाता है।