इन मंत्रों में ज्ञान, दीर्घायु व धन-संपत्ति तथा सुरक्षादि पाने के लिए प्रार्थनाएं हैं। क्रीड़ा, योगादि शारीरिक तथा मानसिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। धर्म कर्तव्य तथा नैतिकता से जुड़ा है। यह लोभ प्रवृत्ति ही है, जिससे संसार में उपभोक्तावाद को बढ़ावा मिलता है। इसी के कारण एक ओर भय व आतंक पनपते हैं तो दूसरी ओर पर्यावरण-प्रदूषण होता है। आधुनिक युग में यज्ञपरक जीवन परोपकार भावना से युक्त मानव-जनों की अपेक्षा है। शांति, विश्रांति और आनंद की चाह है सबको। वह कैसे मिले? यही मंत्र निर्देश करते हैं। ‘विश्व-शांति’ के लिए किया जाने वाला ‘शांतिपाठ’ इसी वेद की देन है।
Sale!
Yajurveda : Yuvaon Ke Liye
₹365.00 ₹310.25
ISBN: 978-81-89982-45-4
Edition: 2016
Pages: 244
Language: Hindi
Format: Hardback
Author : Pravesh Saxena
Category: Culture