Description
डॉ. रामविलास शर्मा का जन्म ऊंचगाव-सानी (ज़िला उन्नाव, उ.प्र.) में 10 अक्तूबर, 1912 को हुआ। सन् 1934 में अंग्रेज़ी साहित्य में लखनऊ से एम.ए. किया। सन् 1938 में पी-एच.डी. करने के बाद वहीं अंग्रेज़ी में अध्यापन किया। उसके बाद बलवंत राजपूत कॉलेज, आगरा में सन् 1943 से 1971 तक अंग्रेज़ी विभाग के अध्यक्ष रहे और बाद में के.एम. मुंशी विद्यापीठ, आगरा के निदेशक-पद पर कार्यरत रहे।
सन् 1934 में ‘चांद’ के लिए आलोचनात्मक लेख लिखने वाली उनकी कालजयी लेखनी विगत साठ सालों से सक्रिय बनी हुई है। ‘तारसप्तक’ (1944) के कवि
डॉ. शर्मा का ‘रूपतरंग’ काव्य-संग्रह प्रकाशित है। डॉ. शर्मा के लेखन में उपन्यास तथा नाटक का प्रणयन भी शामिल है।
डॉ. शर्मा सन् 1949 से 1953 तक अखिल भारतीय प्रगतिशील लेखक संघ के महासचिव रहे और दो वर्षों (सन् 1958-59) तक ‘समालोचक’ पत्रिका का संपादन भी किया। उन्हें वर्ष 1970 में ‘निराला की साहित्य साधना’ ग्रंथ के लिए साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
साहित्य के प्रतिष्ठित सम्मान–व्यास सम्मान, भारत भारती सम्मान, शलाका सम्मान तथा शताब्दी सम्मान से सम्मानित डॉ. शर्मा ने इनसे जुड़ी राशि को सिद्धांततः कभी स्वीकार नहीं किया।
छह दशकों का सक्रिय लेखन डॉ. शर्मा की प्रकाशित लगभग 50 कृतियों में उपलब्ध है।
स्मृति-शेष : 29 मई, 2000
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