Description
सुखे पत्ते
शुष्क पत्र गिरते हैं तरु से,
जैसे बरसे नभ से फूल,
पवन वेग से उड़ते गिरते,
किरणों के झूलों पर झूल।
भू पर गिर कर पत्र बनाते,
विविध रंगों का एक कालीन
हर झांके से बनते जाते,
जिसमें अद्भुत चित्र नवीन।
-इसी संग्रह से
₹200.00 ₹170.00
ISBN: 978-81-89424-75-6
Edition: 2017
Pages: 104
Language: Hindi
Format: Hardback
Author : Pushpa Sharma ‘Suchitra’
सुखे पत्ते
शुष्क पत्र गिरते हैं तरु से,
जैसे बरसे नभ से फूल,
पवन वेग से उड़ते गिरते,
किरणों के झूलों पर झूल।
भू पर गिर कर पत्र बनाते,
विविध रंगों का एक कालीन
हर झांके से बनते जाते,
जिसमें अद्भुत चित्र नवीन।
-इसी संग्रह से
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