Description
मुझको न कुछ टोटा रहा
खुश हूं न कुछ खोटा रहा,
मुझको बड़ा सन्तोष है
मैं उम्र भर छोटा रहा।
*
चले साथ का
खास अहसास लेकर
मुड़ें आप, मैं भी नये मोड़ को लूं!
*
नदी से बिछुड़ कर
लहर सोचती है
न क्यों रेत से आज मुंह-हाथ धोलूं!
*
केवल
गहरे संवेदन ही
धड़कन देते हैं,
वरना मुखड़ा कांच खिलौना
अक्सर होता है।