Description
विज्ञान गल्प लेखन की बड़ी विसंगतियां हैं। अच्छा विज्ञान गल्पकार, वही हो सकता है जो मन से साहित्यकार हो, मानवीय संवेदनाओं, संस्पर्शो में रचा-बसा हो और उसे वैज्ञानिक तथ्यों की जानकारी भी हो। गल्प लेखन में वैज्ञानिक तथ्यों की अवहेलना, अब तक ज्ञात और सर्वमान्य तथ्यों से रंचमात्र विक्षेप की अनुमति उसे नहीं है। ऐसे विरल संयोग यदि वि़द्यमान हों तो फंतासी की सर्जना की जा सकती है।
विज्ञान सत्य रचना की यही त्रासदी है और चुनौती भी। प्रस्तुत खंड में भारतीय भाषाओं में विज्ञान गल्पों की सात दशकीय यात्रा की प्रस्तुति और विवेचना की गई है।
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