‘बेतवा की लहरें’ की कहानियों के बहाने पुनः एक बार हम पाठकों से रू-ब-रू हो रहे हैं। यह सुखद संयोग रहा है कि हम दोनों पिछले पांच दशक से साहित्य-सेवा कर रहे हैं।
वस्तुतः लेखक लिखता नहीं अपितु उसकी अनुभूति की तीव्रता ही उससे लिखवाती है। यही हमारे साथ भी हुआ। अपने सार्वजनिक जीवन में मुझे लिखने का समय बहुत कम मिला। अधिकतर समय जेल में या रेल में ही बीता। राजनीतिक व्यस्तता के बावजूद जो कुछ समय चुराकर-कभी कुछ दिनों का एकांतवास कर-जो कुछ लिख पाया, उसी का परिणाम हैं मेरी पंद्रह पुस्तकें। इसे मैं एक चमत्कार ही समझता हूं।
प्रस्तुत संग्रह की कहानियों का कालखंड अतीत से वर्तमान तक दो सुदूर छोरों तक फैला है। विषय सामाजिक भी हैं एवं ऐतिहासिक भी। सब कहानियां पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी है- कुछ बहुत पहले एवं कुछ अभी-अभी। कहानी का कथ्य सामयिक हो सकता है, पर सत्य शाश्वत होता है और संवेदना तो जन-जन के हृदय को रससिक्त कर देती है। बस, यही साहित्य-रस आपको आप्लावित एवं आह्लादित कर सके-यही हमारा प्रयास है।
-शान्ता कुमार
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Betva ki Lehrein
₹250.00 ₹200.00
ISBN: 978-93-82114-09-3
Edition: 2012
Pages: 152
Language: Hindi
Format: Hardback
Author : Shanta Kumar
Category: Stories
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