हिमांशु जोशी
अग्रणी कथाकार
गत चालीस वर्षों से लेखन से सक्रिय
उपन्यास : कगार की आग ० अरण्य ० महासागर ० तुम्हारे लिए ० छाया मत छूना मन ० सु-राज ० समय साक्षी है
कहानी-संग्रह : अंतत: ० मनुष्य-चिह्न ० जलते हुए डैने ० इस बार फिर बर्फ गिरी तो आदि
कविता-संग्रह : नील नदी का वृक्ष
यात्रा-वृतांत : यात्राएँ
भेटकर्ता : मेरे सत्सात्कार
‘यातना शिविर’ में कालापानी की अनकही कहानी आदि विशेष चर्चित
समस्त भारतीय भाषाओं के अतिरिक्त कुछ रचनाएँ अंग्रेजी, स्लाव, चेक, बर्मी, जापानी, चीनी, कोरियन, नार्वेजियन आदि में भी अनूदित हुईं । रंगमंच तथा चित्रपट के माध्यम से भी कईं कृतियों का प्रदर्शन हुआ । दूरदर्शन तथा रेडियों-धारावाहिक के रुप में भी ।
हिंदी अकादमी दिल्ली, उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, बिदार राजभाषा द्वारा अनेक कृतियां सम्मानित । ‘केंद्रीय हिंदी संस्थान’ (मानव संसाधन मंत्रालय) द्वारा ‘गणेश शंकर विद्यार्थी सम्मान’ से पुरस्कृत ।