घर के बार एक शिशु धूल में खेल रहा था। वह घुटनों के बल चलकर इधर-उधर भागता और जोर से किलकारी मारता। उसका सुंदर गोरा मुखड़ा और घुंघराले बाल वहाँ से गुजरने वालों का मन सहज ही मोह रहे थे। उस शिशु के गले में सोने की जंजीर लटक रही थी। हाथों में सोने के चूड़े थे और कमर में सोने की करधनी थी। खेलते-खेलते वह शिशु घर से थोड़ा आगे निकल गया। तभी वहां से दो चोर निकले। उन्होंने शिशु को देखा और उसके गहने देखे। उनके मुंह में पानी आ गया। सोचा, किसी तरह इसे फुसलाकर उठा ले चलें तो इसके गहने हमारे हाथ लग जाएंगे।
-इसी पुस्तक से
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चैतन्य महाप्रभु / chaitanya Mahaprabhu
₹150.00 ₹127.50
ISBN: 978-81-88466-34-4
Edition: 2018
Pages: 52
Language: Hindi
Format: Hardback
Author : Hari Krishna Devsare
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