Description
तुम्हारी तरह ही मैं अपने देवताओ को प्रार्थनाओं, उम्मीदों, खुशियों और प्यार से सुसज्जित करती हूँ। उन्हीं को मैं तुम्हारा रक्षक व अभिभावक बनाती हूँ और उन्हीं को मैं तुम्हारा जीवन, जो कि मेरा है; तुम्हारा दिल, जो कि मेरी खुशी है; सौंपती हूँ…मैं तुम्हें इतने काफी चुंबन भेजती हूँ कि उनसे तुम्हारे और मेरे मुखों के बीच एक पुल-सा बन जाए….
-जूलियट