Description
देश की प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में एक के बाद एक प्रकाशित होने वाली ये अविस्मरणीय कविताएं न केवल राही की लम्बी सार्थक काव्य-यात्रा में मील के पत्थर के समान हैं, वरन् पिछले पांच दशकों में हिन्दी-कविता के बदलते रूप-रंग तथा मिजाज की भी पुख्ता पहचान कराती हैं।
राही का यह अनूठा काव्य-संकलन युगध्वनि हिन्दी कविता की लोकप्रियता के इतिहास को समझने के इच्छुकों तथा काव्य-प्रेमियों के लिए सचमुच एक तोहफे के समान है।
-डाॅ. शेरजंग गर्ग