रामकथा से कौन परिचित नहीं है। कितु सभी के मन में कुछ प्रश्न उठते रहते होंगे। …यह कि क्या हनुमान बंदर थे? क्या हनुमान हवा में उड़ सकते थे? क्या कोई व्यक्ति पहाड़ उठा सकता है? और यह कि माया क्या होती है? इंद्रजीत लड़ते-लड़ते कैसे गायब हो जाता था? रावण के दस सिर और बीस हाथ कैसे सम्भव हैं? दूसरी ओर, राम ने वह धनुष कैसे उठा जिसे अनेक योद्धा एक साथ मिलकर भी नहीं उठा पाए थे?
यह ऐसे प्रश्न हैं जिन्हें सुनकर, पढ़कर लोगों का रामकथा से विश्वास उठ जाता है। लोग रामकथा को कपोल-कल्पना समझने लगते हैं, और रामायण को ‘मिथक’ मानने लगते हैं।
प्रस्तुत पुस्तक ‘विलियम रामायण ले गया’ लंदन से अपने भारतीय मित्रें के साथ भारत देखने आए, 14 वर्षीय अंग्रेज बालक के अनुभव की कहानी है। वह एक भारतीय परिवार में ठहरता है और मित्रें के दादाजी, चाचा-चाची और बच्चों से घुल-मिल जाता है। वह
टी-वी- देखता है और रामायण का सीरियल देखकर कई प्रश्न करता है…जिसका सविस्तार उत्तर दादी जी के पास है। वह भारतीय पद्धति से मनाया गया बिना केक वाला जन्मदिन भी देखता है। ताज देखने की ललक में मथुरा, वृन्दावन भी घूम आता है और सलीम चिश्ती की दरगाह, फतेहपुर सीकरी, बुलंद दरवाजा आदि भी देखता है, लौटते समय वह अपने साथ रामायण की
सी-डी- भी ले जाता है।
हमें पूरा विश्वास है कि यह किशोर उपन्यास, बालयन को ही नहीं, वयस्क पाठकों को भी नई दृष्टि प्रदान करेगा।
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William Ramayan Le Gaya / विलियम रामायण ले गया (PB)
₹200.00 ₹185.00
ISBN: 978-93-94469-01-3
Edition: 2022
Pages: 160
Language: Hindi
Format: Hardback
Author : Sitesh Alok
Category: Paperback