मैं इस बात को पूरी तरह से खारिज करता हूं कि विज्ञान कथाएं भविष्य की कथाएं हैं। हां, विज्ञान के भावी खतरों की इंगितियां तो विज्ञान कथाओं में की जा सकती हैं, वैज्ञानिक जीवन के सामाजिक सरोकार, नैतिक दायित्व भी विज्ञान कथाओं के प्रतिपाद्य हो सकते हैं, विज्ञानियों के मन के आवर्त-विवर्त भी कथाओं की भावभूमि बन सकते हैं, लेकिन विज्ञान कथाकार को भविष्यद्रष्टा के सिंहासन पर आरूढ़ करना भारी भूल होगी, अतः समय आ गया है कि विज्ञान कथाओं को पुनः परिभाषित किया जाए।
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Vishwa Vigyan Kathayen : 3
₹545.00 ₹463.25
ISBN: 978-81-89859-39-8
Edition: 2012
Pages: 464
Language: Hindi
Format: Hardback
Author : Shuk Deo Prasad
Category: Knowledge