-15%

Teri Roshanai Hona Chahati Hoon

240.00 204.00

ISBN: 978-81-89859-72-5
Edition: 2008
Pages: 104
Language: Hindi
Format: Hardback


Author : Alka Sinha

Compare
Category:

Description

तेरी रोशनाई होना चाहती हूँ
प्रतिष्ठित कवयित्री अलका सिन्हा की नवीनतम काव्यकृति ‘तेरी रोशनाई होना चाहती हूँ’ की पेम कविताएँ उस कोमल और अमूल्य अहसास की पावन कराती हैं, जिसका अभाव किसी को वहशी बना देता है तो किसी को संन्यासी । इन कविताओं में महानगरीय जीवन की आपाधापी के बीच एक भावात्मक विस्तार की अनुभूति होती है और यह विस्तार कहीं-कहीं तो दार्शनिकता पर जा टिकता है । इसीलिए पूरी कृति में बिखेरे प्रेम-प्रसंगो के वावजूद नितात निजी और आत्मीय क्षणों का यह अहसास कहीं भी छिछला या बेपर्दा नहीं होता । कवयित्री आम जिंदगी की मामूली घटनाओं को सरल और सधी भाषा में अपनी कविताओं में इस प्रकार गुंफित करती है मानो कविता की गलबहियां डाले कोई कहानी साथ-साथ चलती हो ।
ये कविताएं एक ओर प्रकृति में जीवन की अनंत संभावनाओं की तलाश करती हैं तो दूसरी ओर युगीन विषमताओं पर व्यंग्य भी कसती हैं । सामाजिक चेतना से संबद्ध एक स्वस्थ विमर्श इन कविताओं को लोकमंगल की भावना से जोड़ता है ।
हर किसी को अपनी-सी लगती ये कविताएं तमाम तनावों, परेशानियों और नाकामियों के बीच जीवन के प्रति आस्था और विश्वास जगाती है और आश्वस्त करती है कि सचमुच कीमती है हमारे बीच बची प्रेम की तरलता !

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Teri Roshanai Hona Chahati Hoon”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Vendor Information

  • 5.00 5.00 rating from 3 reviews
Back to Top
X

बुक्स हिंदी