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Sambhavami

150.00 127.50

Edition: 2000
Pages: 192
Language: Hindi
Format: Hardback


Author : Asha Rani Vohra

Category:

श्रीमती आशारानी व्होरा की यह रचना ‘संभवामि’ सामयिक भी है, प्रासंगिक भी। सामयिक इस दृष्टि से कि ‘संभवामि’ की विषयवस्तु इन दिनों चर्चा में है। प्रासंगिक इसलिए कि इस विषय पर अभी जो कुछ लिखा जा रहा है उसमें से अधिकांश में गहराई और दृष्टि का अभाव हैं ‘संभवामि’ इन दोनों की पूर्ति करता है।
लेखिका ने उन्मुक्त दृष्टि से पक्ष-विपक्ष दोनों को संतुलित दृष्टि से प्रस्तुत कर अपना सुचिंतित मंतव्य भी दिया है जो उनकी लेखकीय जिम्मेवारी बनती है।

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