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Sahitya-Darshan

400.00 340.00

ISBN: 978-93-81467-79-4
Edition : 2012
Pages: 264
Language: Hindi
Format: Hardback


Author : Acharya Janki Vallabh Shastri

Category:

‘साहित्य-दर्शन’ आचार्य जानकीवल्लभ शास्त्र की पहली आलोचना पुस्तक है जो 1943 ई. में प्रकाशित हुई थी…पुस्तक में संगृहीत निबंधों ने उस जमाने की कई जरूरी बहसों को जन्म दिया। इन निबंधों में जो वैदुष्य, मौलिकता, दोटूकपन और साहित्यिकता है, वह उस समय तक विकसित हिंदी आलोचना में अलग से रेखांकित किए जाने लायक है। परंपरा और आधुनिक के द्वंद्व और तनाव से निर्मित इस आलोचना-पुस्तक में आचार्य शास्त्री का जोर साहित्यिकता पर है पर समाज उनकी नजर से कहीं ओझल नहीं है। ‘साहित्य-दर्शन’ के निबंध शास्त्री जी के बहुभाषी-बहुआयामी ज्ञान का प्रमाण तो प्रस्तुत करते ही हैं, उनकी अपनी दृष्टि की आधारभूति का पता भी देते हैं।
निःसंदेह ‘साहित्य-दर्शन’ हिंद आलोचना की महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
-गोपेश्वर सिंह

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