इस संग्रह में जिन नाथ सिद्धों की रचनाएँ संगृहीत हैं, उनमें से अधिकांश चैदहवीं शताब्दी (ईसवी) के पूर्ववर्ती हैं। कुछ चैदहवीं शताब्दी के हैं और बहुत थोड़े उसके बाद के। भाषा की दृष्टि से इन पदों का महत्त्व स्पष्ट है। यद्यपि इन रचनाओं के रूप बहुत कुछ विकृत हो गए हैं, परतु भाषा का कुछ न कुछ पुराना रूप उनमें रह गया है। खड़ी बोली का तो इन पदों में बहुत अच्छा प्रयोग हुआ है। खड़ी बोली के धाराप्रवाहिक प्रयोग का नया स्रोत इन पदों में पाया जाएगा।
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Naath Siddhon ki Rachnayen (PB)
₹300.00 ₹250.00
ISBN: 978-81-89859-20-6
Edition: 2019
Pages: 196
Language: Hindi
Format: Paperback
Author : Hazari Prasad Dwivedi
Categories: New Release, Paperback