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मेरे साक्षात्कार: मैत्रोयी पुष्पा / Mere Saakshaatkar : Maitreyi Pushpa

275.00 175.00

ISBN : 978-93-80146-85-0
Edition: 2010
Pages: 176
Language: Hindi
Format: Hardback


Author : Maitreyi Pushpa

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Category:

मेरे साक्षात्कार: मैत्रोयी पुष्पा

मैत्रोयी पुष्पा हिंदी की विशिष्ट लेखिका हैं। ऐसी विशिष्ट, जिन्होंने स्त्राी-जीवन के सामान्य सुख-दुःख को अपनी रचना के केंद्र में स्थान दिया है। मैत्रोयी को यह श्रेय भी है कि ‘आदि-इत्यादि’ की कोटि से स्त्राी-प्रश्नों को उन्होंने बाहर निकाला है। समकालीन साहित्य और समाज में मैत्रोयी पुष्पा का रचनात्मक स्वर निरंतर सार्थकता प्राप्त कर रहा है। ‘मेरे साक्षात्कार’ में मैत्रोयी पुष्पा से समय- समय पर लेखकों/पत्राकारों द्वारा की गई बातचीत संकलित है। साक्षात्कारों से गुजरते हुए स्पष्ट लगता है कि प्रश्न तो एक निमित्त या प्रस्थान हैं। लेखिका के मन में इतना कुछ उमड़-घुमड़ रहा है कि वह बात प्रारंभ करने का बहाना भर चाहता है। कहानी, उपन्यास और अन्य टिप्पणियों में जो अनकहा रह गया, वह इन साक्षात्कारों में प्रकट हुआ है। मैत्रोयी की पारदर्शी भाषा, बेलाग सोच और जोखिम उठाने की प्रवृत्ति इन साक्षात्कारों को पठनीय व विचारणीय बनाती है। ‘स्त्राी-विमर्श’ तथा विभिन्न प्रश्नों के उत्तर तलाशते ये साक्षात्कार मूल्यवान हैं।

इस पुस्तक में मैत्रोयी पुष्पा के कुछ विशेष वक्तव्य भी उपस्थित हैं। ये वक्तव्य विभिन्न संदर्भों के साथ हैं। इनसे जाहिर होता है कि मैत्रोयी अपने परिवेश और उसकी सक्रियताओं से भली-भाँति परिचित हैं। वक्तव्य वस्तुतः लेखिका की वैचारिकता को पहचानने का माध्यम हैं। साक्षात्कारों और पूरक रूप में वक्तव्यों से समृद्ध यह पुस्तक इस जटिल समय को समझने में हमारी मदद करती है।
-सुशील सिद्धार्थ

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