मन्नू भंडारी : सृजन के शिखर
हिन्दी साहित्य का समृद्ध करने में जिन कथा-लेखिकाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा है, मन्नू भंडारी उनमें एक अग्रणी नाम हैं । पाठकों और समीक्षकों में समान रूप से लोकप्रिय मन्नू भंडारी हिंदी भाषा के साथ-साथ अनेक देशी-विदेश भाषाओं में एक से आदर-सम्मान के साथ पढी जाने वाली रचनाकार हैं ।
मन्नू भंडारी के दो उपन्यास ‘आपका बंटी’ और ‘महाभोज’ हिंदी साहित्य में दो मील के पत्थर और सृजनात्मकता शिखर पर प्रतिष्ठित हैं । ये दोनों उपन्यास अपने समय से आगे की कहानी कहत्ते और एक लंबे कालखंड का सच होने के कारण कालजयी उपन्यास, की श्रेणी में आते हैं ।
मीडिया लेखन में भी मन्नू जी की पटकथाओं ने और धारावाहिकों में ‘रजनी’ ने अपनी धाक जमाई । मन्नू जी व्यक्तित्व व रचनात्मक पक्ष सभी कोणों का इस पुस्तक में विश्लेषण है।
एक बेहद सामान्य स्त्री के रूप में देखें तो भी मन्नू जी का जीवन एक दृढ़ और जिजीविषा की अद्भुत मिसाल हैं । हिंदी साहित्य की प्रख्यात लेखिका वे बाद में पहले एक पग्म स्नेही, पारदर्शी व्यक्तित्व हैं. जो पहली ही मुलाकात में आपका बनावट आया दिखावट से पर अपने आत्मीय घेरे में ले लेता है ।
बंगाल की सर्वाधिक लोकप्रिय लेखिका और सामाजिक कार्यकर्ता महास्वेता देवी से लेकर ? वरिष्ट चिंतक-समीक्षक नामवर सिंह, निर्मला जैन, राजेद्र यादव, गिरिराज किशोर, विश्वनाथ त्रिपाटी, विजयमोहन सिंह, अजितकुमार, देवेंद्रराज अंकुर, स्वयं प्रकाश, राजी सेठ, अर्चना वर्मा तथा मन्नू जी का करीब से जानने वाले उनके अध्याय स्वजनों ने अपने वक्तव्यों, आलेखों और विश्लेषण से इम पुस्तक को समृद्ध बनाया है । आशा है पाठकों की कसौटी पर भी यह पुस्तक खरी उतरेगी ।
-सुधा अरोरा