Description
समूचा भारत हमारी निष्ठाओं का केंद्र और हमारा कार्यक्षेत्र है। भारत की जनता हमारा आराध्य है। हमें अपनी स्वाधीनता को अमर बनाना है, राष्ट्रीय अखंडता को अक्षुण्ण रखना है और विश्व में स्वाभिमान और सम्मान के साथ जीवित रहना है। इसके लिए हमें भारत को सुदृढ़, शक्तिशाली और समृद्ध राष्ट्र बनाना है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए जो साधन आवश्यक होगा, हम अपनाएंगे, जो नीति उपयोगी होगी, उसका अवलंब न लेंगे, जो कार्यक्रम हिता वह होगा, उसका निर्धारण तथा कार्यान्वयन करेंगे। कंधे से कंधा लगाकर, कदम से कदम मिलाकर हमें अपनी जय यात्रा को ध्येय-सिद्धि के शिखर तक ले जाना है। भावी भारत हमारे प्रयत्नों और परिश्रम पर निर्भर करता है। हम अपना कर्तव्य पालन करें, हमारी सफलता सुनिश्चित हैं। -इसी पुस्तक से