प्रस्तुत पुस्तक में हिंदी के महत्त्वपूर्ण गद्य लेखकों पर नई दृष्टि से गंभीर विचार हुआ है। इसमें आलोच्य लेखकों को नए कोणों से देखने तथा उनकी शक्ति और सामथ्र्य को पहचानने की कोशिश की गई हैं इसमें कुछ विशिष्ट गद्यकारों के उन पक्षों पर लिखा गया है, जिन पर प्रायः कम विचार हुआ है। जैसे कि प्रेमचंद की दलित संदर्भ की कहानियों पर या निराला, अज्ञेय, जैनेंद्र कुमार, निर्मल वर्मा के आलोचक और विचारक रूप पर। यह एक तटस्थ और निर्भीक विश्लेषण तथा सहृदय मूल्यांकन करने वाली कृति है।
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Gadya Ka Parviesh
₹350.00 ₹297.50
ISBN: 978-93-82114-15-4
Edition: 2012
Pages: 200
Language: Hindi
Format: Hardback
Author : Vishwanath Prasad Tiwari
Category: Articles
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