कहाँ हैं झूले
हम उन्हें भूले
झूले
झूले
झूलते रहे झूले।
बाग में, बगीचे में
गाँव में, शहर में, बाजार में, मेले में
रहते थे झूले
अब कहाँ हैं झूले?
क्यों हम उन्हें भूले?
क्यों न अब हम झूलें?
लोहे के लकड़ी के
रस्सी के
पेड़ से लटके झूले।
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