हिमालय में स्थिति हिमाचल प्रदेश में आज भी वे परंपराएं विद्यमान हैं, जो आदिकाल से पर्व-उत्सवों के रूप में मनाई जाती रहीं। हिमाचल प्रदेश व्रत, त्यौहार, पर्व, उत्सव और मेलों का प्रदेश है। यहां हर दिन त्यौहार है, हर दिन उत्सव है। हर मीने का प्रथम दिन त्यौहार है। हर ऋतु का आना त्यौहार है, हर ऋतु का जाना त्यौहार है। अन्न का पहला दाना घर में आना त्यौहार है, उसे पहली बार खाना भी त्यौहार है। पशुधन खरीदना त्यौहार है तो उसे बेचना भी त्यौहार है। बच्चे का जन्म लेना त्यौहार है तो बुजुर्ग का मरना भी त्यौहार है। यहां हर दिन, हर मास, हर मौसम में कोई न कोई त्यौहार-उत्सव मनाया जाता है।
हिमालय गाथा के इस खंड में हिमाचल प्रदेश के पर्व-उत्सवों का विवरण दिया जा रहा है। कथाकार सुदर्शन वशिष्ठ ने अपनी शैली में पर्व-उत्सवों का वर्णन किया है, जो रोचक होने के साथ-साथ ज्ञानवर्धक भी हैैं।
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Himalaya Gaatha (2) Parv-Utsav
₹300.00 ₹255.00
ISBN: 978-81-904232-1-2
Edition: 2017
Pages: 192
Language: Hindi
Format: Hardback
Author : Sudarshan Vashisth
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