Description
गुजरात गांधी जी, सरदार पटेल, विक्रम साराभाई परिवार, अमूल डेरी, अपनी सहकारिता व औद्योगिक प्रगति के कारण जाना जाता है लेकिन ये बड़े-बड़े नाम हैं । समाज के उत्थान के लिए अनेक लोग अपनी आत्मा में नन्हे-नन्हे दीप संजोए बैठे हैं, गांधी जी के व साहित्यिक मूल्यों को अपने जीवन में जीते हुए । यदि अन्य प्रदेश प्रगति करना चाहते हैं तो इस समृद्धतम प्रदेश गुजरात से संबंधित निम्न बिंदुओं का विश्लेषण करें जिनसे समाज के भौतिक ही नहीं ,मानवता के विकास के लिए बहुत कुछ सीखा जा सकता है।
० वडोदरा के महाराजा सयाजीराव तृतीय के शासनकाल की तुलना चंद्रगुप्त मौर्य से की जा सकती है। उनकी दी हुई परंपरा के कारण ये शहर ‘कलाकारों का मक्का’ कहलाता है। लेखिका इसे ‘सिटी ऑफ इंटरनेशनल ‘सोल्स’ कहती हैं ।
० गांधी जी की प्रेरणा से भारत द्वितीय महिला संगठन ‘ज्योति संग’ की स्थापना हुई व सन् 1920 में एक स्त्री अनुसूइया साराभाई ने टेक्सटाइल मिल की भारत की सर्वप्रथम सबसे वृहद ट्रेड यूनियन संगठित की ।
० विश्व भर में लोकप्रिय होती जा रही लोक अदालत को श्री हरिवल्लभ पारिख ने रंगपुर (क्वांट) स्थित आनंद निकेतन आश्रम में जन्म दिया ।
० मैग्सेसे पुरस्कार विजेता इला भट्ट की ‘सेवा’ संस्था सेल्फ एम्प्लॉयड वीमन एसोसिएशन आज़ भी अपनी तरह की विश्व की सबसे बड़ी ट्रेड यूनियन है ।
० विश्व में संभवतः एकमात्र उदाहरण है यहाँ के शहरों व गांवों में फैला पुस्तकालयों के नेटवर्क का संगठन ‘गुजरात पुस्तकालय सहायक सहकारी मंडल’ ।
० एशिया में सहकारी बैंक अन्योन्य बैंक, महिला सहकारी बैंक व उपभोक्ता के अधिकारों की रक्षा करने वाली जागृत ग्राहक संस्था सर्वप्रथम यहीं संगठित हुई ।
० डॉ. जी. एम. ओझा ने भारत ही नहीं, एशिया में भी पर्यावरण संरक्षण की संस्था ‘इनसोना’ सन् 1975 में यहीं स्थापित की ।
० श्री सूर्यकांत पटेल का चालीस एकड़ जमीन में बनाया विश्वविख्यात फार्महाउस वडोदरा में है।
० भारत में महाराष्ट्र में दो, सिर्फ गुजरात में ही तीन स्टॉक एक्सचेंज हैं जहाँ सभी राज्यों से अधिक पैसे का निवेश होता है ।
० विकलांगों द्वारा संस्था बनाकर विकलांगों की सहायता के उदाहरण अन्य प्रदेशों में दुर्लभ हैं ।
० ‘गुजराती नी गजी नो तडियो भा तो नथी’ इस कहावत का अर्थ जानिए इस पुस्तक से ।
० अस्मिता : गुजरात से एक साहित्यिक आंदोलन’ इस पुस्तक से जानिए क्यों ‘एक्सेल गुप्त इंडस्ट्रीज’ में प्रबंधन व मज़दूरों का कभी झगड़ा नहीं हुआ ।
० विश्यविख्वात आर्कीटेक्ट कर्ण ग्रोवर, जिनके हैदराबाद में बनाए सोहराबजी ग्रीन बिजनेस सेंटर को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ ग्रीन बिल्डिंग घोषित किया गया है, व उनके साथियों द्वारा स्थापित हेरिटेज ट्रस्ट के प्रयासों से चांपानेर को वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित किया गया है । ग्रोवर जी की नई उपलब्धि है कि उनकी बनाई बी एन एमरो बैंक को भी विश्व की पर्यावरण सुरक्षा की दृष्टि से सर्वश्रेष्ठ इमारत घोषित किया गया है ।
० यदि किसी शहर का उत्थान करना है तो वडोदरा की स्वयंसेवी संस्थाओं ‘बड़ौदा सिटिजंस काउंसिल’ व ‘यूनाइटेड वे ऑफ बड़ौदा’ को समझना होगा ।
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