Description
यह अपूर्व संग्रह ‘धर्मयुग’ के लोकप्रिय स्तंभ बेदिल दिल्ली में प्रकाशित लेखों का है। डॉ० धर्मवीर भारती के विशेष आग्रह पर इसे लिखा करते थे उपन्यासकार द्रोणवीर कोहली बुनियाद अली के छद्म नाम से। स्तंभ में जाने वाली सामग्री के बारे में प्राय: तीखी प्रतिक्रिया होती थी। साहित्यिक गोष्ठियों वाले लेखों को लेकर कुछ लेखक लाल-पीले भी होने लगते थे। ऐसी स्थिति में स्तभ-लेखक के बारे में तरह तरह के कयास लगाए जाते थे। लेकिन भारती जी ने लेखक की पहचान को निरंतर गुप्त रखा इतना कि ‘धर्मयुग’ में उनके सहयोगी तक नहीं जान पाते थे कि इसे लिख कौन रहा है। भारती जी लेखक के साथ पत्र-व्यवहार भी स्वयं करते थे। जैसे, उनका 25.3.83 को यह पत्र : “Message for Shri Buniad Ali : दोनों किस्तें मिलीं”बहुत जोरदार और to the point हैं। इस बार दिल्ली में बहुत से लोगों (सामान्य पाठक तक) ने बेदिल दिल्ली की चर्चा की।Bravo! Keep it up.”