Description
स्वामी विवेकानन्द भारत की ही नहीं, अपितु विश्व की एक महान् विभूति थे। ये समग्र विश्व का कल्याण चाहते थे। मानवता चंगी रहे, यही उनका मिशन था। वे जाति, धर्म, प्रदेश और देश की संकुचित भावना से ऊपर उठे हुए थे।
वे संत थे, महान् योगी थे, साहित्य-संस्कृति और कला के आचार्य थे। वे गंगा-यमुना के संगम थे, प्रयाग और काशी की पवित्रता थे। वे हिमालय और गिरनार के गुह्य रहस्य थे। वे कृष्णा-कावेरी की पवित्रता थे, नंदन-कानन की सुगंधि थे, मानसरोवर की शीतलता थे।
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