Description
तुमको प्रणाम !
राम के नाम से अयोध्या जानी जाती है और कृष्ण के नाम से मधुरा । इसी प्रकार साईं बाबा के नाम से शिरडी। साईं बाबा और शिरडी दोनों एक-दूसरे के पर्याय वन गए हैं। शिरडी साईं बाबा के नाम से विख्यात है।
शिरडी के साईं बाबा एक महान् संत, भक्त और तपस्वी थे। उनकी कृपा से हजारों लोगों का उपकार हुआ है। वे दीन-दुखियों पर अपार कृपा करते थे। लोगों की मनोकामनाएँ और इच्छाएँ पूरी करके वे उनके जीवन को सुखी बना देते थे।
साईं बाबा के दर्शन करने नित्य हजारों भक्त आते थे। आज़ भी उनकी समाधि पर हजारों व्यक्ति माथा टेकने आते हैं। बाबा कभी किसी से कुछ नहीं लेते थे। वे अपनी हथेली पर ही दो रोटी रखकर खाते थे। किसी के द्वार पर भी चले जाते और दो रोटियाँ माँगकर खा लेते थे।
एक ईंट का तकिया बनाकर जमीन पर सो जाते थे। वे जीवनपर्यंत द्धारिका माई की मस्तिद में रहे, अन्यत्र नहीं। इस छोटी-सी पुस्तक में साईं बाबा के जीवन पर संक्षेप में प्रकाश डाला गया है।
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