नरेन्द्र कोहली व्यंग्य साहित्य में कथात्मकता, वैचारिक उदारता और संवेदनात्मक सघनता के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने विभिन्न विधाओं के साथ हिंदी व्यंग्य को भी समृद्ध किया है। उनके व्यंग्य लेखन की बहुत बड़ी शक्ति है घटना को अनुभव में रूपांतरित कर लेने की क्षमता। निजी सुख-दुःख से लेकर देश-दुनिया के जाने कितने पक्षों पर उन्होंने लिखा है। वे संप्रेषण का महत्त्व जानते हैं, इसलिए उनकी रचनाएं पाठकों में पर्याप्त लोकप्रिय हैं। कई बार वैचारिक पक्षध्रता या जड़ता एक लेखक को सीमित कर देती हैं। नरेन्द्र कोहली जड़ता को ‘रचनात्मक दृढ़ता’ से अपदस्थ करने वाले विवेकशील लेखक हैं। राजनीति से जुड़े विषयों में उनका विवेक विशेष रूप से देखा जा सकता है। वे असंगति पर आक्रमण करते हुए भारतीय संस्कृति के श्रेष्ठ मूल्यों को बचाने का प्रस्ताव रखते हैं। ‘व्यंग्य समय’ में नरेन्द्र कोहली के चयनित व्यंग्य उनके विस्तृत व्यंग्य लेखन से कुछ उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। रचनाकार को समग्रता में पढ़ने और पुनः पाठ के लिए प्रेरित करने का उद्देश्य भी इस उपक्रम में निहित है।
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व्यंग्य समय: नरेन्द्र कोहली / Vyangya Samay : Narendra Kohli (PB)
₹325.00 ₹270.00
ISBN: 978-81-933728-6-9
Edition: 2024
Pages: 184
Language: Hindi
Format: Paperback
Author : Narendra Kohli
Category: Paperback
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