Description
डाॅ शर्मा ने ‘संधानकरणी’ नामक एक ऐसे पौधे की खोज की जो किसी भी ताजे घाव को चैबीस घंटे में आपूरित कर देता है तथा उसे लगाने के पश्चात् किसी भी प्रकार का इन्फैक्शन नहीं होता। इस पौधे की सहायता से प्लास्टिक शल्यचिकित्सा में विशेष योगदान मिलने की आशा है।
स्मरण रहे, वाल्मीकि रामायण में वर्णित संधानकरणी नामक पौधे के स्थानीय प्रयोग से लक्ष्मण जी के शरीर पर बने घाव रातोराम ठीक हो गए थे। संभव है, यह पौधा भी उसी श्रेणी का हो।
डाॅ. जगन्नाथ शर्मा कुशल लेखक, शिक्षक एवं शोधकर्ता थे। उन्हांेने हिंदी एवं आयुर्वेद के विकास में सर्वाधिक योगदान दिया।
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