व्यंग्य-लेखन के क्षेत्र में सुधीरकुमार चैधरी काफी आगे तक जाने की संभावना रखते हैं। उनका लेखन सहज है। लेखक की अपनी समझ व दृष्टि से उभरता है। उन पर किसी का असर नहीं है। हां, उनके लेखन में क्योंकि आक्रोश और अधीरता के बजाय तटस्थ चित्रण और मध्यममार्गी आलोचना का स्वर है, वे परसाई स्कूल से अधिक शरद स्कूल के निकट पड़ते हैं। पर इतनी तुलना उनके लेखन की शक्त का अंदाज देने के लिए है। सच्चाई यह है कि सुधी के व्यंग्य उनके अपने व्यंग्य हैं।
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टोपीतंत्र जिन्दाबाद / Topitantra Zindabad
₹50.00 ₹42.50
Edition: 1994
Pages: 112
Language: Hindi
Format: Hardback
Author : Sudhir Kumar Chaudhari
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