संग्रह की गजलों में नए-नए काफिए एवं नए-नए रदीफों का प्रयोग किया गया है। जहां कुछ गजलें छोटी बहर में हैं तो लंबी बहर में भी हैं। संग्रह की गजलों में व्याकरण संबंधी कमियां भी नहीं हैं क्योंकि सभी रचनाकार वरिष्ठ तथा प्रतिष्ठिता हैं।
वर्तमान परिदृश्य अत्यंत भयावह है। संवेदनहीनता एवं अमानवीयता के इस दौर में जहां अपराध, हिंसा, नफरत, आतंकवाद, अमानवीयता का बोलबाला है, किसी कविता संग्रह का प्रकाशन स्वयं में एक शुभ घटना है और गजल संग्रह का प्रकाशन तो और भी सुखद घटना बन जाती है क्योंकि गजल सिर्फ और सिर्फ प्यार और इन्सानियत की बात करती है। यह गजल संग्रह यकीनन गजल की दुनिया को तो समृद्ध करेगा ही पूरे काव्य जगत को भी समृद्ध करेगा ऐसी अपेक्षा है।
-लक्ष्मीशंकर वाजपेयी
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गुलदस्ता / Guldasta (PB)
₹150.00 ₹135.00
ISBN: 978-81-936159-1-1
Edition: 2017
Pages: 128
Language: Hindi
Format: Paperback
Author : Sanyojak, Arya Smriti Sahitya Samman
Category: Paperback
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