Description
राजकुमार गौतम में लेखन की जो पकड़ है, वह इस अपेक्षाकृत मुश्किल विधा (व्यंग्य) में भी एक हद तक उनका साथ निभा जाती है। यही वजह है कि संग्रह के कुछ व्यंग्य, गौतम के व्यंग्यकार की संभावनाओं की ओर इशारा करते हैं। रचनाएँ प्रायः निबंध शैली में हैं। भाषा व्यंग्यकार का सबसे प्रभावी औजार है; यत्र-तत्र उसकी चमक यहां भी दिखलाई पड़ती है।
-आशुतोष दुबे
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