Description
हम सभी की जिंदगी एक किताब है। जैसे किताब के हर पृष्ठ को पलटने पर कुछ नया मिलता है, ठीक उसी प्रकार से जब जिंदगी की गति आगे बढ़ती है तो हर दिन कुछ नया सिखाती है। जिंदगी एक किताब क्यों है? कहानी की शुरुआत होती है जब हमारा जन्म हुआ तब इस किताब का पहला पन्ना खुला जो एक कोरे कागज की तरह था, जिस पर अभी जिंदगी की जिम्मेदारी की इबारत लिखी जानी बाकी थी। फिर जैसे-जैसे जिंदगी की यात्रा आगे बढ़ती है वैसे ही इस किताब के पन्ने पलटते गए और जब यात्रा रुकी तो किताब का आखिरी पन्ना भी पलटना बंद हो गया।
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