हिदी के सुविख्यात एवं चर्चित ग़्जलकार माधव कौशिक की ग़्ाजलों की पृष्ठभूमि में वर्तमान समाज तथा समय अपनी संपूर्ण जटिलताओं, विषमताओं तथा विसंगतियों के साथ उपस्थित है। भूमंडलीकरण तथा बाजारवाद जनित उपभोक्तावादी अपसंस्कृति ने मानवीय मूल्यों को हाशिये पर धकेल दिया है। अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद ने इस विषैले वातावरण को रक्तरंजित कर और अधिक भयावह बना दिया है।
उड़ने को आकाश मिले संग्रह की ग़्ाजलों में ऐसी ही विषम परिस्थितियों में फँसे आम आदमी के जीवन संघर्ष को पूरी मार्मिकता और संवेदनशीलता के साथ अंकित किया गया है। सामान्य जन की प्रत्येक आह और कराह को दर्ज करते हुए रचनाकार ने उनकी अदम्य जिजीविषा, संघर्षशीलता तथा अटूट आस्था को प्रभावशाली ढंग से अभिव्यक्त किया है। ग़्ाजलकार का विश्वास है कि यदि हाशिये पर खड़े लोगों को उड़ने के लिए आकाश मिले तो वे समाज में आमूलचूल परिवर्तन लाने की क्षमता रखते हैं।
सहज, सरल तथा सृजनात्मक भाषा में लिखी इस संग्रह की ग़्ाजलें पाठकों की संवेदना तथा सोच के आसमान को और अधिक विस्तार देने में सफल रहेंगी, इसी विश्वास के साथ यह ग़्ाजल-संग्रह आपको सौंप रहे हैं।
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उड़ने को आकाश मिले / Udne ko Aakash Mile
₹350.00 ₹250.00
ISBN: 978-81-937925-5-1
Edition: 2018
Pages: 152
Language: Hindi
Format: Hardback
Author : Madhav Kaushik
Category: Poems
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