Description
दुबई ने लिखने के लिए प्रेरित किया
दुबई, आज की तारीख में एक जाना-पहचाना नाम है। इतना अधिक कि आम बोलचाल में कह सकते हैं कि गली-गली में बच्चे-बच्चे को इसके बारे में पता है। और कुछ नहीं तो कम से कम नाम तो सुना ही होगा। विश्व बाजार का एक प्रमुख केंद्र। आधुनिक खरीदार व पर्यटक की पसंदीदा जगह आदि-आदि। ये सब तो ठीक है, मगर एक हाॅट रेगिस्तान, 21वीं सदी का फेवरेट डेस्टिनेशन कैसे बन गया? इस सवाल ने मुझे सोचने के लिए मजबूर किया था। ढूंढ़ने पर जैसे-जैसे जवाब मिलने लगे, वैसे-वैसे हतप्रभ होता चला गया। एक लेखक तो हूं ही, मगर साथ ही विज्ञान का छात्र और इंजीनियरिंग की शिक्षा भी ग्रहण की है तो दुबई प्रवास के दौरान इसका मैंने भरपूर उपयोग किया और उस नजरिये से भी चीजों को देखा। परिणामस्वरूप जो दृश्य उपस्थित हुए उससे लिखने के लिए प्रेरित होना स्वाभाविक था। वरना एक बाजार के लिए, कुछ भी लिखना, दुकानों में बिकने वाले माल की मार्केटिंग करने से अधिक कुछ नहीं हो सकता। जिससे कोई भी संवेदनशील व जिम्मेदार लेखक बचना चाहेगा। लेकिन यहां तो परत के नीचे परत मिल रही थी, जो नए ढंग से सोचने-देखने और फिर समझने के लिए खुद ही नए रास्ते बतला रही थी।
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