राही की गजलें हिंदी साहित्य में एक खुशगवार इजाफे की हैसियत और विशेष महत्त्व रखती हैं। मुझे पूरा यकीन है कि गजलों के इस संकलन को ‘देर आयद दुरुस्त आयद’ मानते हुए हिंदी जगत् में इसका पुरजोर स्वागत किया जाएगा।
-प्रो. सादिक
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Rahi Ko Samjhaye Kaun
₹250.00 ₹200.00
ISBN: 978-81-7016-694-8
Edition: 2006
Pages: 108
Language: Hindi
Format: Hardback
Author : Balswaroop Rahi
Category: Poems