लोक-कथाओं का अपना एक अलग संसार है। मानव-इतिहास जितना पुराना है, उतना की पुराना है, लोक-कथाओं का इतिहास भी। हजारों सालों से ये निरन्तर चली आ रही हैं- पीढ़ी-दर-पीढ़ी। जब लोग जंगलों में रहते थे, जब लिखने-पढ़ने की इतनी सुविधाएँ नहीं थीं, तब भी ये मुंह जुबानी संसार भर का सफर तय करती रहीं। हां, परिस्थिति और वातावरण के अनुसार इन में परिवर्तन होता रहा, पर मूल भाव सदैव समान रहा।
नार्वेजिनयन लेखक आसवियोन्सन तथा मुके ने लोक-कथाओं के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य लिए हैं। प्रस्तुत लोक-कथाओं की आधार भूमि उन्हीं की लोक-कथाओं हैं अतः उनके प्रति आभारी हैं।
सिद्धार्थ जोशी
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Norway ki Shreshth Lok Kathayen
₹60.00 ₹51.00
ISBN: 978-81-88121-40-3
Edition: 2004
Pages: 70
Language: Hindi
Format: Hardback
Author : Siddharth Joshi
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Category: Stories
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