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नतोऽहं / Natoham (PB)

250.00 200.00

ISBN : 978-93-83234-57-8
Edition: 2016
Pages: 312
Language: Hindi
Format: Paperback


Author : Meenakshi Swami

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Category:

Description

लब्धप्रतिष्ठ रचनाकार मीनाक्षी स्वामी का बहुचर्चित उपन्यास “नतोऽहं’ भारतभूमि के वैभवशाली अतीत और वर्तमान गौरव के सम्मुख विश्व के नतमस्तक होने का साक्षी है। यह भारतीय संस्कृति की बाह्य जगत्‌ से आंतरिक जगत्‌ की विस्मयकारी यात्रा करवाने की सामर्थ्य के अनावरण का अद्भुत परिणाम हे।

भारतीय संस्कृति के विराट्‌ वैभव का दर्शन होता है-सांस्कृतिक नगरी उज्जयिनी में बारह वर्षों में होने वाले सिंहस्थ के विश्वस्तरीय आयोजन में। उज्जयिनी का केंद्र शिप्रा है। इसके किनारे होने वाले सिंहस्थ में देश भर के आध्यात्मिक रहस्य और सिद्धियां एकजुट हो जाती हैं। इन्हें देखने, जानने को विश्व भर के जिज्ञासु अपना दृष्टिकोण लिए यहां एकत्र हो जाते हैं। तब इस पवित्र धरती पर मन-प्राण में उपजने वाले सूक्ष्मतमम भावों को सशक्त अभिव्यक्ति है यह उपन्यास।

इसमें मंत्रमुग्ध करने वाली भारतीय संस्कृति व सनातन धर्म के सभी पहलुओं पर वैज्ञानिक चिंतन है, भारतीय अध्यात्म के विभिन्‍न पहलुओं को खरेपन के साथ उकेरा गया है।

उज्जयिनी अनवरत सांस्कृतिक प्रवाह की साक्षी हे। यह केवल धर्म नहीं, समूची संस्कृति है, जिसमें कलाएं हैं, साहित्य हे, ज्ञान है, विज्ञान है, आस्था है, परंपरा है और भी बहुत कुछ है। यात्रा वृत्तांत शैली के इस उपन्यास में उज्जयिनी के बहाने भारतीय दर्शन, परंपराओं और संस्कृति की खोज हे जो सुदूर विदेशियों को भी आकर्षित करती है। उज्जयिनी के लोक जीवन की झांकी के साथ भारतीय सांस्कृतिक परंपराओं का सतत आख्यान है जो पुरा मनीषियों की मेधा का महकता प्रतीक हे।

उपन्यास के विलक्षण कथा संसार को कुशल लेखिका ने अपनी लेखनी के संस्पर्श से अनन्य बना दिया है। नायक एल्विस के साथ पाठक शिप्रा के प्रवाह में प्रवाहित होता है, डुबकी लगाता है।

‘ भूभल’ जैसे सशक्त उपन्यास से कीर्ति पाने के बाद बहुचर्चित रचनाकार मीनाक्षी स्वामी का नवीनतम उपन्यास “नतोऽहं’ तथाकथित आधुनिकता से आक्रांत भारतीय जनमानस को अपनी जड़ों की ओर आकृष्ट करता है। भारतीय संस्कृति व अध्यात्म की खोज में रुचि रखने वाले पाठकों के लिए अप्रतिम उपहार है।

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