Description
नारी हृदय तथा अन्य कहानियाँ
‘खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी’ कविता की धार पंक्तियों से पूरा देश आजादी की लड़ाई के लिए उद्वेलित हो गया था। ऐसे कई रचनाकार हुए हैं जिनकी एक ही रचना इतनी ज्यादा लोकप्रिय हुई कि उसकी आगे की दूसरी रचनाएँ गौण हो गई, जिनमें सुभद्राकुमारी भी एक है ।
इस एक कविता के अलावा बच्चों के लिए लिखी उनकी कविताएं भी हिंदी में बाल कविता का नया अध्याय लिखती है । उनकी कहानियाँ भी नारी स्वातंत्र्य का नया उदूघोष करती है । उनके जैसी उपेक्षित कवयित्री के समग्र मूल्यग्रेकन के लिए नया इतिहास लिखने की जरूरत है । सुभद्राकुमारी चौहान सिर्फ एक कवयित्री ही नहीं थीं, देश के स्वतंत्रता संग्राम में भी उनका अमूल्य योगदान रहा है । उत्तर भारत के राजनैतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक जीवन में सुभद्रा जी के व्यक्तित्व की गाजी छाप रही है ।
समाज की अनीतियों से उत्पन्न जिस पीड़ा को वे व्यक्त करना चाहती थीं उसकी अभिव्यक्ति का उचित माध्यम गद्य ही हो सकता था, अत: सुभद्रा जी ने कहानियाँ लिखी । उनकी कहानियों में देश-पेस के साथ-साथ समाज को, अपने व्यक्तित्व को प्रतिष्ठित करने के लिए संघर्षरत नारी की पीड़ा और विद्रोह का स्वर मिलता है ।
Reviews
There are no reviews yet.