Description
नई सदी में नई दुनिया की सुख-समृद्धि की पृष्ठभूमि में लिखा यह अद्भुत उपन्यास, यदि मिलान कुंदेरा के शब्द उधार लेकर कहें, तो ‘दुनियावी जंजाल में उलझे मानव-जीवन की तहकीकात या तलाश या तफतीश’ जी जीवंत रचना है।
‘नानी’ की प्रथम पृष्ठ की हास्य-विनोदपूर्ण स्थिति से लगाकर उसके अंतिम पृष्ठों की कारुणिक व्याख्या का विकास उसी प्रकार हुआ है, जिस प्रकार फूल-पत्तियाँ, वनस्पतियाँ और पेड़-पौधे शनैः-शनैः विकसित होते हैं।
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